फर्जी एजेंसियों के नाम पर धान खरीद में करोड़ों का घोटाला

कौशाम्बी में धान खरीद के नाम पर करोड़ों की फर्जी खरीद का मामला सामने आया है। जिले की 13 कंपनियों ने किसानों के नाम पर धान खरीदा है। वहीं अब इस घोटाले के सामने आने के बाद प्रशासन नींद से जागा और जांच की बात कह रहा है।


कौशांबी में धान खरीद के नाम पर बड़ा घोटाला जब सामने आया तो अधिकारियों के तोते उड़ गए। घोटाला 7.82 करोड़ का है। कई सरकारी और प्राइवेट एजेंसियों ने मिलकर किसानों के नाम पर धान खरीदा है। इन एजेंसियों ने नाम मात्र के सेंटर खोल कर बैनर तो लगा दिए लेकिन इन सेंटरों पर किसानों से कोई खरीद नहीं की गई है। कागजों में प्रत्येक सेंटरों पर करोड़ों से ज्यादा की खरीद दिखाया गया है।


इन एजेंसियों के सेंटर प्रभारियों को खरीद के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है और इन केंद्र प्रभारियों को सेंटर का लॉगिन पासवर्ड भी नहीं दिया गया है। सरकार किसानों से उनकी फसल खरीदने के लिए योजनाएं चला रखी हैं, लेकिन धान खरीद में लगी एजेंसियां किसानों के नाम पर सरकारी धन को लूटने में लगी हैं। वहीं जिले के आला अधिकारी भी इन एजेंसियों के मालिकों से मिलीभगत करके उन्हें लूट मचाने की छूट दे रखी है।


जब इस पूरे मामले में सांसद और  डिप्टी RMO से बात की गई तो उन्होंने मामले की जांच कराए जाने की बात कही।


जब इन प्राइवेट एजेंसियों के केंद्र प्रभारियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस खरीद के बारे मे कोई जानकारी तक नही है।


अब ऐसे में सवाल ये है कि जिले में इतना बड़ा घोटाला हो गया, जगह-जगह फर्जी सेंटर्स खोले गए। लेकिन यहां के आलाकमान को इसकी भनक नहीं। प्रभारियों को कोई जानकारी नहीं। आखिर इतना बड़ा घोटाला किसकी शह से हो रहा है। फिलहाल सांसद जांच की बात कह रहे है। देखना होगा कि आखिर कब तक इस घोटाले में शामिल लोगों के चेहरे उजागर होते है।